नए लोगों के लिए शुरुआती 14 योग आसन |14 asanas for beginners to improve flexibility

14 asanas for beginners)योग करना शुरू करने के लिए बहुत से लोग उन योगासनों का अभ्यास करना पसंद करते हैं, जो आसान होते हैं और शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। नीचे दिए गए हैं  नए लोगों के लिए शुरुआती (14 asanas for beginners) 14 योग आसन अभ्यास के लिए उपयुक्त होते हैं:

ताड़ासन (Tadasana) (14 asanas for beginners)

स्थिति योगासन है, जिसमें आपको खड़े होकर अपने बाएं और दाएं हाथों को ऊपर उठाना होता है।

तड़ासन के फायदे:

  • तड़ासन से संतुलित और स्थिरता महसूस होती है।
  • इस आसन से पैरों, जांघों, कूल्हों, पेट, पीठ, गर्दन और कंधों की मांसपेशियों में खींचाव होता है।
  • यह श्वसन तंत्र को सुधारता है और आपकी श्वसन प्रक्रिया को संतुलित करता है।
  • तड़ासन से आपकी पोषक तत्वों को शरीर में सही स्थान पर पहुंचाया जा सकता है जो आपको स्वस्थ रखता है।
  • इस आसन से आपके मस्तिष्क को ताजगी मिलती है और आपका मन शांत होता है।
  • तड़ासन से आपकी शरीर की लाचीलता बढ़ती है और यह आपके शरीर को सजीव रखता है।

इस आसन से आपकी पाचन शक्ति बढ़ती है और आपको खाने का अच्छी तरह से पचाने में मदद मिलती है।

तड़ासन के नुकसान:

यदि आपके पैरों या घुटनों में दर्द होता है, तो तड़ासन करने से पहले अपने प्रशिक्षक से सलाह लें

यदि आपके शरीर में किसी तरह की चोट या घाव होता है तो आपको इस आसन को करने से बचना चाहिए।

यदि आपके गर्दन में दर्द होता है या आपको सरदर्द होता है तो तड़ासन करने से बचना चाहिए।

वृक्षासन (Vrikshasana) – (14 asanas for beginners)

वृक्षासन योग का एक आसन है, जिसमें आपको एक पैर को दूसरे पैर पर रखकर खड़े होना होता है। जो शरीर के अनेक भागों के विकास में मददगार होता है। यह आसन आपके शरीर को स्थिर, स्थायी और अधिक लचीलापन प्रदान करता है। इसके अलावा, यह आसन आपकी मानसिक ताकत भी बढ़ाता है। चलिए जानते हैं इस आसन के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से।

वृक्षासन के फायदे:

  •   यह आसन आपको स्थिर बनाकर रखता है जो आपकी रुचि और सफलता में मदद करता है।
  •   वृक्षासन आपके शरीर के अनेक भागों के विकास में मददगार होता है, जैसे कि कूल्हों, गुदाओं, पैरों, नसों और हड्डियों के विकास में।
  •   यह आसन आपके शरीर के लिए लाभदायक होता है, जैसे कि पाचन को सुधारता है, कमर के दर्द को कम करता है और साइनस के लिए लाभदायक होता है।

  वृक्षासन आपकी मानसिक ताकत भी बढ़ाता है। इस आसन को करने से आपको एक सकारात्मक ऊर्जा का अहसास कराता है

वृक्षासन के नुकसान:

  • अगर आपके घुटने या पैरों में दर्द होता है, तो आपको वृक्षासन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
  • अगर आप लंबे समय तक वृक्षासन को करते हैं, तो आपकी थकान महसूस हो सकती है और इससे आपको चक्कर आने का अनुभव हो सकता है।
  • यदि आपके मानसिक स्थिति में तनाव होता है, तो आपको इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
  • यदि आपके शरीर में कमजोरी होती है, तो आपको इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
  • वृक्षासन अनेक फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी ला सकता है। इसलिए आपको समझना चाहिए कि इस आसन को कैसे करना है और इसे करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

त्रिकोणासन (Trikonasana) – (14 asanas for beginners)

इस योगासन में, आपको अपने एक पैर को बाएं या दाएं तरफ रखना होता है और उसी तरफ अपने हाथों को ऊपर उठाना होता है। त्रिकोणासन योग का एक प्रसिद्ध आसन है जो शारीरिक और मानसिक रूप से लाभदायक होता है। यह आसन सभी उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं।

त्रिकोणासन के फायदे:

  • त्रिकोणासन करने से हमारी नसों में खून की संचार बढ़ता है जिससे हमारी सेहत अच्छी होती है।
  • इस आसन को करने से हमारी कमर और पीठ का दर्द कम होता है।
  • त्रिकोणासन करने से हमारी पाचन शक्ति बढ़ती है और शरीर के अंगों में ताकत आती है।
  • इस आसन को करने से हमारी गुटनों, ओर कूल्हों और पैरों की मांसपेशियों में ताकत आती है।
  • त्रिकोणासन करने से हमारा शरीर और मस्तिष्क शांत होते हैं जिससे मानसिक तनाव और चिंताओं से राहत मिलती है।

त्रिकोणासन के नुक्सान:

  • अगर आपके पीठ में या कमर में कोई चोट या चोट लगी हो तो त्रिकोणासन करने से बचना चाहिए।
  • त्रिकोणासन के दौरान सही ढंग से न होने की स्थिति में यह आपके घुटनों और कमर में दर्द का कारण बन सकता है।
  • यदि आप स्त्री है और गर्भवती हैं तो त्रिकोणासन से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
  • इस आसन को करते समय हमें सही ढंग से श्वास लेना चाहिए जिससे हमारी फुफ्फुस ठीक से काम कर सकें।
  • अगर आपके घुटने, कमर, पीठ या गर्दन में कोई संबंधित समस्या है तो इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

अंत में, त्रिकोणासन एक शारीरिक और मानसिक लाभदायक योगासन है जो आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। लेकिन, इसे करने से पहले सही ढंग से सीखना आवश्यक है और संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।

भद्रासन (Bhadrasana) – (14 asanas for beginners)

यह एक आरामदायक योगासन है, जिसमें आपको बैठना होता है और अपने पैरों को समान रखना होता है।यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इस आसन के कुछ फायदे निम्नलिखित हैं:

भद्रासन के फायदे:

  • भद्रासन आपके पेट की और पाचन तंत्र को सुधारता है जिससे आपकी पाचन शक्ति मजबूत होती है।
  • इस आसन को करने से श्वास लेने की क्षमता मजबूत होती है जिससे आपकी फुफ्फुस की सेहत अच्छी होती है।
  • यह आसन आपके पैरों को मजबूत करता है और पैरों के दर्द को कम करता है।
  • यह आसन आपकी रीढ़ को मजबूत करता है और बैठने और खड़े होने के दौरान आपकी ठीक ढंग से बैठने की क्षमता को बढ़ाता है।
  • भद्रासन करने से अधिकतर लोगों को शांति मिलती है और इससे मानसिक तनाव और चिंताओं का सामना करने की क्षमता मजबूत होती है।

भद्रासन के नुकसान:

जो लोग घुटनों या जोड़ों में दर्द का शिकार हैं, उन्हें भद्रासन से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

  • भद्रासन को गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए।
  • बैठते समय जांघों में दर्द या दबाव होने की स्थिति में, इस आसन को न करें।
  • बैठने वाले व्यक्ति को कंधों को झुकाने वाले रूप से आसन नहीं करना चाहिए।
  • इस आसन को ज्यादा देर तक बैठते रहने से पैरों में टिंगलिंग या नुकसान हो सकता है।

इन नुकसानों से बचने के लिए, आपको ध्यान से इस आसन को करना चाहिए। अगर आपको किसी तरह की समस्या होती है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

शवासन (Shavasana) – (14 asanas for beginners)

योग का एक महत्वपूर्ण आसन है जो विश्राम करने वाला योग है। इस आसन का नाम उस समय दिया गया था जब योगी इसे करते समय शव जैसी स्थिति में लगते थे।

इस आसन को करने की विधि:

  • एक योगामैट या चादर पर बैठ जाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें।
  • अपनी आंखें बंद करें और सांस लें।
  • अपने पैरों को अलग रखें और हथेलियों को अपनी उपरी भुजाओं के समान अपनी शरीर के दोनों ओर फैलाएं।
  • अपनी सांस को धीरे-धीरे छोड़ें और अपने सारे शरीर को ढीला कर दें। अपने शरीर के हर अंग को शांत करने की कोशिश करें।
  • इस स्थिति में थोड़ी देर रहें और अपनी सांस धीरे-धीरे लेते रहें।
  • इस आसन को करने के बाद धीरे-धीरे अपने आंखें खोलें और शांत रहें।

शवासन के फायदे:

  • शवासन शरीर को शांति देता है, मन को स्थिर करता है और तनाव को कम करता है।
  • इस आसन का नियमित अभ्यास करने से सामान्य रूप से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
  • यह आसन नींद में सुधार लाता है और अधिक उत्साहित रखने में मदद करता है।
  • यह पाचन क्रिया को बढ़ाता है और संचार को सुधारता है।
  • यह आसन शारीर की कोशिकाओं को ताजगी देता है और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है।

भुजंगासन (Bhujangasana) – (14 asanas for beginners)

भुजंगासन योग का एक आसन है जिसमें शरीर को सांप के जैसे खड़ा करके किया जाता है। निम्नलिखित हैं भुजंगासन के करने की विधि, फायदे और नुकसान।

करने की विधि:

  • आरामपूर्वक पेट के ऊपर लेट जाएं।
  • अपने दोनों हाथ शरीर के साथ सीधे रखें।
  • अपनी सांस को धीरे से बाहर निकालें और साँस रोक लें।
  • अपने सीधे हाथ का सहारा लेते हुए अपने ऊपर के भाग को उठाएं।
  • अपनी जांघों को सीधा रखें और पैरों के अंगूठों को इकट्ठा करें।
  • अपने साँस को धीरे से छोड़ें और शरीर को नीचे लाएं।
  • अपने हाथों को शरीर के साथ सीधे रखें।
  • इस आसन को कुछ सेकंडों तक बनाए रखें और फिर धीरे से शरीर को नीचे लाएं।

भुजंगासन के फायदे:

  • इस आसन से कमर और पीठ के दर्द में राहत मिलती है।
  • इस आसन को करने से पेट की चर्बी कम होती है।
  • इस आसन से पेशाब करने की समस्या से निजात मिलती है।
  • इस आसन से हृदय की सेहत मजबूत होती है।
  • इस आसन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और अपच की समस्या से छुटकारा मिलता है।
  • इस आसन से हड्डियों को मजबूती मिलती है और आपकी बॉडी फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
  • इस आसन को करने से मस्तिष्क शांत होता है और ध्यान केंद्रित होता है।
  • इस आसन को करने से स्ट्रेचिंग बैक मसल्स के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

 

  • अगर आप बैक पेन से पीड़ित हैं, तो आपको इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
  • अगर आपके शरीर के किसी भी हिस्से में चोट लगी हुई है, तो आपको इस आसन को करने से बचना चाहिए।
  • अगर आपकी डिस्क प्रॉब्लम है, तो आपको इस आसन से बचना चाहिए।
  • इस आसन को गर्भवती महिलाओं और सीनियर लोगों को करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

सामान्य रूप से भुजंगासन एक सुरक्षित योगासन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद होता है

 बालासन (Balasana) – (14 asanas for beginners)

यह एक आरामदायक योगासन है, जिसमें आपको बैठना होता है और अपने सिर को नीचे की तरफ झुकाना होता है।बालासन  ध्यान और मेडिटेशन के दौरान किया जाता है। यह आसन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत लाभकारी होता है

 बालासन के फायदे

  • बालासन स्थिरता और शांति की भावना को बढ़ाता है।
  • इस आसन को करने से मानसिक तनाव कम होता है और मानसिक शांति बढ़ती है।
  • यह आसन श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखता है और दिल के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।
  • बालासन मुंह, चेहरा और आँखों के लिए बहुत लाभकारी होता है।
  • इस आसन को करने से पेट और निचले पेट के अंगों में रक्तसंचार बढ़ता है।
  • बालासन पीठ दर्द और कमर दर्द को भी कम करता है।

नुकसान::

  • अगर आपकी पीठ में किसी तरह की समस्या हो तो आप बालासन नहीं कर सकते।
  • इस आसन को करने से पहले अगर आपको लगता है कि आपका पेट भरा हुआ है, तो आप इसे नहीं करना चाहिए।
  • बालासन को करते समय यदि आपको कोई चक्कर या सिर घूमने लगता है तो आपको इसे न करना चाहिए।
  • बालासन को करने से पहले सही तरीके से वार्म अप करना बहुत जरूरी होता है।
  • अगर आपकी पीठ या घुटनों में कोई समस्या होती है तो आपको इसे करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए आप बालासन को सही तरीके से कर सकते हैं और इससे आपको कई लाभ होंगे।

अर्ध उत्तानासन (Ardha Uttanasana) – (14 asanas for beginners)

इस योगासन में, आपको अपने शरीर को आगे की तरफ झुकाना होता है और अपने हाथों को अपने जांघों के पास रखना होता है।इस आसन को करने से पूरे शरीर की मांसपेशियों को बहुत लाभ मिलता है। नीचे इस आसन के कुछ फायदे और नुकसान बताए गए हैं:

फायदे:

  • अर्ध उत्तानासन स्पाइनल कॉर्ड को स्ट्रेच करने में मदद करता है। इससे पीठ दर्द और कमर दर्द से राहत मिलती है।
  • इस आसन को करने से कूल्हों, टखनों और पांवों के लिए लाभकारी होता है।
  • इस आसन को करने से पेट में बैठे हुए वसा कम होने में मदद मिलती है।
  • इस आसन को करने से श्वसन तंत्र सुधरता है।
  • इस आसन को करने से पूरे शरीर के मांसपेशियों में खून का संचार बढ़ता है।
  • इस आसन को करने से शरीर की लंबाई में सुधार होता है।

नुकसान:

  • इस आसन को करते समय सही ढंग से न करने पर नुकसान हो सकता है।
  • इस आसन को करने से पहले अगर आपकी पीठ में कोई समस्या हो तो आप इसे नहीं कर सकते।
  • इस आसन को करने से पहले सही तरीके से वार्म अप करना बहुत जरूरी होता है।

इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए, इस आसन को सही तरीके से करने से आपको कई लाभ होंगे। आप अर्ध उत्तानासन के फायदों का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रख सकते हैं।

  • आसन को करने से पहले सही ढंग से वार्म अप करें।
  • अगर आप नॉर्मल अर्ध उत्तानासन नहीं कर सकते हैं, तो आप दोनों हाथों की सहायता से आसन को कर सकते हैं।
  • अपने घुटनों को हमेशा थोड़ा सा फ्लेक्स करें।
  • आसन को करते समय अपनी सांस को संभालें और ध्यान एकाग्र करें।
  • अपनी पीठ को सीधा रखें और अपने कंधों को सामने की ओर नहीं झुकाएं।

यदि आप योग करना शुरू करने जा रहे हैं, तो आप अपने योग गुरु से परामर्श लेना सुनिश्चित करें, विशेष रूप से अगर आपके शरीर में कोई समस्या हो।

 

उत्तानासन (Uttanasana) – (14 asanas for beginners)

इस योगासन में, आपको अपने शरीर को आगे की तरफ झुकाना होता है और अपने हाथों को ऊपर की तरफ उठाना होता है। यह आसन शरीर को सुव्यवस्थित और स्थिर बनाने में मदद करता है।

इस आसन के  फायदे :

  • पेट की चर्बी कम करने में मददगार होता है।
  • पीठ और कमर में ढीलापन को कम करता है।
  • पाचन क्रिया को सुधारता है।
  • स्पाइन को मजबूत और स्थिर बनाता है।
  • श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करता है।
  • दिमाग को शांत करता है और तनाव को कम करता है।

 नुकसान :

  • स्लिप डिस्क के रोगियों को इस आसान का अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • पीठ या कमर में चोट के कारण या अन्य संबंधित समस्याओं से पीड़ित लोगों को इस आसान का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को इस आसान का उपयोग नहीं करना चाहिए।

अंततः, उत्तानासन एक फायदेमंद योगासन है जो शरीर को सुव्यवस्थित और स्थिर बनाने में मदद करता है। इसे सही तरीके से करने के लिए, आपको अपने योग गुरु की मार्गदर्शन लेना चाहिए और जब तक आप इसे सही तरीके से करने में सक्षम नहीं होते हैं, आपको इसे करने से बचना चाहिए।

मलासन (Malasana) – (14 asanas for beginners)

इस योगासन में, आपको बैठना होता है और अपने पैरों को अपने जांघों के बीच रखना होता है।इस योगासन को करने से पूरे शरीर की चमत्कारिक स्थिति होती है जो आपके शरीर को शांति और सुख देती है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह योगासन करना असुविधाजनक भी हो सकता है। यहाँ हम मलासन के फायदे और नुकसान के बारे में बता रहे हैं

फायदे:

मलासन एक शांत योगासन है जो शरीर की स्थिति को बेहतर बनाता है और अधिक सुखद अनुभव प्रदान करता है। इस योगासन को करने से शरीर में स्ट्रेस कम होता है और आपका मन शांत हो जाता है।

  • मलासन करने से पाचन क्रिया सुधारती है। इस योगासन को करने से शरीर में उचित रूप से जाने वाला खाना और पानी भी उत्तम तरीके से पचता है।
  •  मलासन करने से पेट में जमा गैस को दूर करने में मदद मिलती है। यह योगासन पेट में जमी हुई गैस को निकालने में मदद करता है और आपको राहत प्रदान करता है।
  • शरीर को मजबूत बनाता है: मलासन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है। इस योगासन को करने से नीचे के हिस्से की मांसपेशियों में स्ट्रेंथ का विकास होता है।
  • निम्न रक्तचाप को कम करता है: मलासन को करने से शरीर में रक्त प्रवाह मजबूत होता है और रक्तचाप में भी सुधार होता है।

नुकसान:

  • इसलिए, यदि आपको पहले से ही कमर दर्द हो रहा है, तो आपको इस योगासन से दूर रहना चाहिए।
  • यदि आपको पहले से ही घुटनों में दर्द हो रहा है, तो आपको इस योगासन से दूर रहना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को इस योगासन को नहीं करना चाहिए: गर्भवती महिलाओं को मलासन को करने से बचना चाहिए। इस योगासन को करने से पहले एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

उष्ट्रासन (Ustrasana) – (14 asanas for beginners)

इस योगासन में आपको अपने पैरों को फैलाना होता है और अपने हाथों को अपनी पीठ के पीछे एड़ियों पर रखना होता है।इस आसन का नाम संस्कृत में उष्ट्र के अर्थ से होता है जो कि ऊँट को दर्शाता है। यह आसन शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है और शरीर के कई हिस्सों को आराम देता है।

उष्ट्रासन के फायदे:

  • स्पाइनल इंजरी को दूर करता है: उष्ट्रासन स्पाइनल को स्ट्रेच करता है जिससे स्पाइनल इंजरी दूर होती है।
  • कमर दर्द को कम करता है: इस आसन से कमर की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं जो कमर दर्द को कम करती हैं।
  • उच्च रक्तचाप को कम करता है: उष्ट्रासन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है और रक्त का संचार बढ़ाता है।
  • स्ट्रेंथ बढ़ाता है: यह आसन शरीर के कई हिस्सों को स्ट्रेंथ देता है जैसे कि बाँहों, कंधों और पेट के आसपास की मांसपेशियों को।
  • साइनस को ठीक करता है: इस आसन से साइनस की समस्या ठीक होती है।

उष्ट्रासन के नुकसान:

  • कमर में दर्द: अगर आपके कमर में दर्द होता है तो आपको इस आसन से दूर रहना चाहिए।
  • सर्दी-जुकाम: अगर आपको सर्दी-जुकाम हो रहा है तो आपको इस आसन से दूर रहना चाहिए।
  • हार्ट रोग: अगर आपके पास हार्ट रोग है तो आपको इस आसन से दूर रहना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को उष्ट्रासन नहीं करना चाहिए।

अंत में, यदि आप नए हैं या इस आसन को करने से पहले कभी नहीं किया है, तो आपको अपने योग गुरु या योग इंसट्रक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वे आपको सही तरीके से इस आसन को करने के लिए निर्देशित कर सकते हैं।

भरद्वाजासन (Bharadvajasana) – (14 asanas for beginners)

इस योगासन में, आपको बैठना होता है और अपने शरीर को एक तरफ मोड़ना होता हैइस आसन को करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और शरीर के अनेक भागों को फायदा पहुंचता है।

भरद्वाजासन के लाभ:

  • यह आसन कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है जो आपकी पेट और कमर को दृढ़ता देता है।
  • भरद्वाजासन करने से पीठ मजबूत होती है जो आपकी बैठकर या खड़े होकर काम करने की क्षमता में सुधार करता है।
  • यह आसन आपकी बांहों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
  • आसन के करने से आपके स्पाइन की लम्बाई में सुधार होता है जो आपको अधिक उँचाई पर जाने की क्षमता प्रदान करता है।
  • भरद्वाजासन करने से स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है।

भरद्वाजासन के नुकसान:

  •   अभ्यास के दौरान सही ढंग से न करने की वजह से पीठ या कमर में दर्द हो सकता है।
  •   गर्भवती महिलाओं को इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

  हाइपरटेंशन वाले लोगों को भरद्वाजासन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

आसन को करने से पहले एक पेशेवर योग गुरु या योग अभ्यासकर्ता से परामर्श लेना चाहिए।

जनु शीर्षासन (Janu Shirshasana) – (14 asanas for beginners)

इस योगासन में, आपको एक जांघ को आगे की तरफ बढ़ाना होता है और अपने शरीर को इस जांघ के ऊपर झुकाना होता है।इस आसन को नियमित रूप से करने से शरीर को कई फायदे होते हैं लेकिन इस आसन को अभ्यास करते समय सावधानी बरतना भी बहुत जरूरी होता है। नीचे इस आसन के फायदे और नुकसान बताए गए हैं।

के फायदे:

  • तनाव कम करने में मददगार होता है।
  • ध्यान और निरंतरता को बढ़ावा देता है।
  • शीर्षासन मस्तिष्क को फ्रेश एंड एक्टिव रखता है।
  • आंतों को मजबूत बनाने में मदद करता है और आंत्र मंडल को सक्रिय करता है।
  • रक्त संचार को बढ़ावा देता है जिससे सेहत सुधारती है।
  • चेहरे को निखारने में मददगार होता है।
  • नसों को मजबूत करता है जिससे सामान्य सेहत सुधारती है।
  • शरीर के सार्वजनिक भावनाओं को बढ़ावा देता है।

जानु शीर्षासन के नुकसान:

  • माइग्रेन, चक्कर, अस्थमा या हार्ट रोग से पीड़ित लोगों के लिए यह आसन अनुशंसित नहीं है।
  • सामान्य चोट, चोटिलता, ग्रीवा और कंधे के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए भी यह आसन अनुशंसित नहीं है।
  • अगर आपको शीर्षासन करते समय चक्कर आते हैं तो तुरंत इसे छोड़ देना चाहिए।
  • अगर आपने इसे गलत तरीके से किया तो आपको घातक चोट भी लग सकती है।

अगर आप नए हैं तो शीर्षासन करने से पहले एक योग गुरु या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

मत्स्यासन (Matsyasana) – (14 asanas for beginners)

इस योगासन में, आपको अपने पीठ पर लेट जाना होता है और अपने सिर को पीठ के ऊपर रखना होता है।यह आसन हृदय, पीठ, गर्दन, अंगूठों, हथेलियों, पैरों और शरीर के अन्य अंगों के लिए फायदेमंद होता है। यह योगासन मछली के आकार से इंस्पायर होता है इसलिए इसे मत्स्य कहा जाता है।

  • पहले आप एक चटाई या योग मैट पर लेट जाएं। फिर अपने पैरों को सामने की ओर फैलाएं।
  • फिर आपको अपने हाथों को सामने की ओर फैलाकर अपनी फिंगर्स को अपने पैरों के पास ले जाना होगा। आपके हाथ पैरों के नीचे होने चाहिए।
  • अब आपको अपने शरीर को थोड़ा सा ऊपर की ओर उठाना होगा और अपनी पीठ को चटाई से अलग कर लेना होगा। अपनी पीठ को ऊपर की ओर उठाने से आपको अपने सिर को अधिक समीप लाने में मदद मिलेगी।
  • इस स्थिति में, आपका वजन अपने हाथों, पैरों और पीठ पर होगा।

 

मत्स्यासन के लाभ

  • स्थैतिक बैठक योग के रूप में मत्स्यासन शरीर को ताकत देता है। इससे आपके पेशे और जोड़ों को फायदा मिलता है।
  • मत्स्यासन अधिक देर तक बैठने से श्वसन और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से निपटने में मदद करता है।
  • इस आसन से पीठ और गर्दन की मांसपेशियों को स्ट्रेच मिलता है जो उन्हें बल देता है और उन्हें कमजोर नहीं होने देता।
  • मत्स्यासन स्ट्रेस को कम करता है और ध्यान को बढ़ाता है।
  • इस आसन से शरीर को शांति मिलती है जो मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाती है।
  • मत्स्यासन करने से लाभ होता है मानसिक असंतुलन, अधिक चिंता, उच्च रक्तचाप और मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है।

 

मत्स्यासन के अलावा इसके कुछ हानियों के भी जिक्र करना उचित होगा।

कुछ लोगों को मत्स्यासन करने से पहले सबसे पहले विशेषज्ञ योग गुरु से सलाह लेना चाहिए।

  • मत्स्यासन एक दोषपूर्ण आसन हो सकता है। अधिक तनाव वाले लोग इस आसन को नहीं करने चाहिए।
  • मत्स्यासन करने के दौरान अधिक दर्द होने पर योग गुरु से सलाह लें और आसन करने से पहले खुद को बेहतर महसूस करने के लिए सुनिश्चित करें।
  • मत्स्यासन एक पेट और गर्दन के आसन है, इसलिए पेट अल्प भोजन खाने के बाद ही या पेट से बचने के लिए इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • अगली बार जब आप योग करने के लिए समय निकालें, तो मत्स्यासन जैसे आसनों को अपने योग सेशन में शामिल करने का प्रयास करें।

आपको यदि किसी भी तरह का दर्द, चक्कर, या सिरदर्द महसूस होता है तो आसन को छोड़ दें और जरूरत पड़ने पर चिकित्सक से सलाह लें।

ये थेकुछ आसन जो सुरुआती योगी कर सकते हैं। आपको ध्यान रखना चाहिए कि योग एक नियमित अभ्यास होता है, इसलिए आपको रोजाना कुछ समय अलग करके योग करना चाहिए। आपको ध्यान रखना चाहिए कि योगासन करने से पहले वर्मअप करना जरूरी है। आपको अपने शरीर को धीरे-धीरे गर्म करना होता है ताकि आपके मांसपेशियों को तनाव महसूस न हो।

इन योगासनों के अलावा आप अपने दैनिक जीवन में योग के अन्य विधियों का भी उपयोग कर सकते हैं, जैसे प्राणायाम, मंत्र जप, ध्यान आदि। योग आपके शरीर, मन और आत्मा के लिए फायदेमंद होता है।  जो आपको स्वस्थ और खुश रखता है। इसलिए, आपको नियमित रूप से योग करना चाहिए ताकि आप अपने शरीर और मन को स्वस्थ और तंदुरुस्त रख सकें।

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